Class-10th Science Study Material
👉 ऐसे परिवर्तन जिसमें नए गुणों वाले पदार्थों का निर्माण होता है, उसे रासायनिक अभिक्रिया
कहते हैं।
👉 ऐसे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में हिस्सा लेते हैं उन्हें अभिकारक कहते हैं।
👉ऐसे पदार्थ जिनका निर्माण रासायनिक अभिक्रिया में होता है, उन्हें उत्पाद कहते हैं।
👉 उदाहरण :
(i) भोजन का पाचन (ii) श्व सन (iii) लोहे पर जंग लगना (iv) मैग्नीशियम फीते का जलना
(v) दही का बनना रासायनिक अभिक्रिया के प्रेक्षण :
० अवस्था में परिवर्तन oरंग में परिवर्तन ० तापमान में परिवर्तन
० गैस का उत्सर्जन
रासायनिक परिवर्तन को प्रदर्षित करना :
शब्द समीकरण
जिंक + सल्फूयरिक अम्ल (LHS) अभिकारक
+ जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन (RHS) उत्पाद
रासायनिक समीकरण
Zn + H2SO4 → Zn SO4+H2
👉रासायनिक समीकरण : रासायनिक अभिक्रिया, रासायनिक समीकरण द्वारा निरूपित की जाती हैं। रासायनिक समीकरण में तत्वों के प्रतीक या अभिकारक और उत्पादों के रासयनिक सूत्र उनकी भौतिक अवस्था के साथ लिखे जाते हैं।
👉रासायनिक अभिक्रिया में आवश्यक परिस्थितियाँ जैसे-ताप, दाब, उत्प्रेरक आदि को तीर के निशान के उपर या नीचे दर्शाया जाता है।
👉रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करना : द्रव्यमान संरक्षण का नियम-किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश।
👉रासयनिक अभिक्रिया के पहले (अभिकारक) एवं उसके पश्चात (उत्पाद) प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होनी चाहिए।
👉चरणबद्ध संतुलित करना (Hit and Trial Method) चरण 1: रासायनिक समीकरण लिखकर, प्रत्येक सूत्र के चारों ओर बॉक्स बना लीजिए।
Fe
+
Ho
→
Fe,0, +
H,
संतुलित करते समय बॉक्स के अन्दर कुछ भी परिवर्तन नहीं कीजिए।
चरण 2 : समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या नोट कीजिए। तत्त्व । अभिकारकों में परमाणु की संख्या (LHS) | उत्पाद में परमाणुओं की संख्या (RHS)
=
N
-
चरण 3: सबसे अधिक परमाणु वाले तत्व को अभिकारक या उत्पाद की साइड अनुचित गुणांक लगाकर संतुलित कीजिए।
Fe
+4
H.0
→
Fe, o, +
_H,
चरण 4 : सभी तत्वों के परमाणुओं को चरण 3 की भांति संतुलित कीजिए।
3 Fe +4 HO → Fe,0, +4_H, सभी तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के दोनों ओर समान है।
विज्ञान, कक्षा -X
चरण 5 : अभिकारकों एवं उत्पादों की भौतिक अवस्था लिखना ठोस - (s) द्रव – (1) गैसीय अवस्था – (g) जलीय विलयन - (aq) 3Fe (s) + 4H,O(g)→ Fe,0,(s) + 4H,(g)
चरण 6: कुछ आवश्यक परिस्थितियाँ जैसे-ताप, दाब या उत्प्रेरक आदि को भी तीर के निशान के ऊपर या नीचे लिखें। रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार :
I. संयोजनअभिक्रियाःइसअभिक्रिया मेंदोयादो से अधिक अभिकारकमिलकर एकलउत्पाद
बनाते हैं।
A+ B→C उदाहरण :
(i) कोयले का दहन
C(s) + 0,(g)→ CO,(g) (ii) जल का निर्माण
2H,(g) + 0,(g) + 2H,O(1) (iii) CaO(s) + H,O(1) → Ca(OH), (aq)
(बिना बुझा चूना) (बुझा हुआ चूना)
👉उष्माक्षेपी अभिक्रिया : जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होता है।
(i) प्राकृतिक गैस का दहन
CH (g) +0,(g)→ Co,(g) + 2H,O(g) + ऊष्मा (ii) श्वसन एक उष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
C.H,O, (aq) + 60,(g)→ 6CO, (aq) + 6H,O + ऊष्मा
II. वियोजनअभिक्रिया:इस अभिक्रिया में एकलअभिकारक टूटकर दो या उससे अधिक उत्पाद बनते हैं।
A→ B+C
(i) ऊष्मीय वियोजन : ऊष्मा द्वारा किया गया वियोजन।
उदाहरण :
2FeSO,(s) फेरस सलफेट (हरा रंग)
उमा
Fe203(s) + SO2(g) + SO3 (g)
फेरिक आक्साइड (भूरा लाल रंग)
| CaCO,(S) (ii) (चूना पत्थर)
39; CaO(s) + CO,(g)
(बिना बुझा चूना)
वैद्युत वियोजन : विद्युत धारा प्रवाहित कर होने वाला वियोजन।
उदाहरण :
2H2O(I)
विधुत धारा, 2H2 (g) + O2(g)
प्रकाशीय वियोजन : सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होने वाला वियोजन।
उदाहरण:
सूर्य का प्रकाश, 2Ag (s) + Cl, (g)
2AgBr (s) सूत्र का प्रकाश, 2Ag (s) + Br, (g) इस अभिक्रिया का उपयोग श्याम-श्वेत फोटोग्राफी में होता है।
👉उष्माशोषी अभिक्रिया : जिन अभिक्रियाओं में अभिकारकों को तोड़ने के लिए ऊष्मा, प्रकाश या विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
III. विस्थापन अभिक्रिया : इन अभिक्रियाओं में अधिक क्रियाशील तत्व कम क्रियाशील
तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है।
Fe(s) + Cuso4(aq)→ FeSO4 (aq) + Cu(s)
👉लोहे की कील पर भूरे रंग की कॉपर की परत जम गई। Cuso4 के नीले विलयन का रंग हरा Feso4 के निर्माण के कारण हो गया।
Zn + Cuso4 → ZnSO4 + Cu जिंक कॉपर से अधिक क्रियाशील तत्व हैं।
IV.द्विविस्थापनअभिक्रिया:इसअभिक्रियामेंउत्पादोंका निर्माण,दो यौगिकों केबीचआयनों के
आदान प्रदान से होता है। ___Na2so4 (aq) + BaCl2 (aq) → Baso4(s) + 2NaCl (सोडियम सलफेट) (बेरियम क्लोराइड) (बेरियम सलफेट) (सोडियम क्लोराइड) बेरियम सत्फेट (Baso4) के सफेद अविलेय अवक्षेप का निर्माण होता है। इसीलिए इस
अभिक्रिया को अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहते हैं।
उपचयन एवं अपचयन : उपचयन : (i) जब किसी पदार्थ में आक्सीजन की वृद्धि होती है। (ii) जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन का loss होता है। C+0, → co2
2Cu+02→ 2Cuo
Cuo + H, _Heat, Cu+H2O
अपचयन : (i) जब किसी पदार्थ में आक्सीजन का ह्रास होता है। (ii) जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
___ उपचयन CuO+H2 > Cu +H20
अपचयन इस अभिक्रिया में कॉपर आक्साइड कॉपर में अपचयित हो जाता है। हाइड्रोजन उपचयित होकर जल बनता है। इस अभिक्रिया में अपचयन तथा उपचयन दोनों हो रहे है, इसे रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं।
दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं का प्रभाव :
(i) संक्षारण:जब कोई धातु,आर्द्रता,अम्ल आदि के सम्पर्क में आती है, जिससे धातु की उपरी पर्त
कमजोर हो। सक्षारित हो जाता है।
लोहे की वस्तुओं पर जंग लगना,चाँदी के ऊपर काली पर्त व ताँबे के ऊपर हरी पर्त चढ़ना संक्षारण
के उदाहरण हैं। ० यशदलेपन, विद्युत लेपन और पेन्ट करके संक्षारण से धातुओं को बचाया जा
सकता है।
(ii)विकृतगंधिता:वसायुक्तऔरतैलीयखाद्यसामग्री,वायुकेसम्पर्क में आनेपरउपचयितहोजातेहैं
जिससे उनके स्वाद और गंध में परिवर्तन हो जाता है इसे विकृतगंधिता कहते हैं।
विकृतगंधिता रोकने के उपाय :
० प्रति ऑक्सीकारक का उपयोग करके ० वायुरोधी बर्तन में खाद्य सामग्री रखकर ० वायु के स्थान पर नाइट्रोजन गैस द्वारा 0 शीतलन द्वारा
विज्ञान, कक्षा -x
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